श्री बगलामुखी चालीसा | Maa Baglamukhi Chalisa Pdf

Baglamukhi Chalisa

Maa Baglamukhi Chalisa in Hindi – श्री बगलामुखी चालीसा

Baglamukhi Chalisa: बगलामुखी या बगला (देवनागरी) हिंदू धर्म की दस महाविद्याओं में से एक हैं। बगलामुखी देवी अपने फरसे से भक्तों की भ्रांतियों और भ्रमों (या भक्तों के शत्रुओं) का नाश करती हैं।

बगला शब्द वल्गा (जिसका अर्थ है – लगाम या लगाम जिसे हम जीभ की गति और दिशा को नियंत्रित करने के लिए मुँह में डालते हैं) से बना है, जो आगे चलकर वग्ला और फिर बगला बन गया। देवी के 108 अलग-अलग नाम हैं। बगलामुखी को उत्तर भारत में आमतौर पर पीताम्बरा माँ के नाम से जाना जाता है, जो पीले या सुनहरे रंग से जुड़ी देवी हैं।

विभिन्न ग्रंथों में देवी के दो वर्णन मिलते हैं: द्विभुजा (दो भुजाओं वाली) और चतुर्भुजा (चार भुजाओं वाली)। द्विभुजा चित्रण अधिक सामान्य है, और इसे सौम्य या सौम्य रूप के रूप में वर्णित किया गया है। वह अपने दाहिने हाथ में एक गदा धारण करती हैं जिससे वह एक राक्षस को मारती हैं, जबकि अपने बाएं हाथ से उसकी जीभ खींचती हैं।

इस छवि की व्याख्या कभी-कभी स्तंभन के प्रदर्शन के रूप में की जाती है, जो किसी दुश्मन को अचेत या पंगु बनाकर चुप कराने की शक्ति है। यह उन वरदानों में से एक है जिसके लिए बगलामुखी के भक्त उनकी पूजा करते हैं।

मां श्री बगलामुखी चालीसा

अन्य महाविद्या देवियों के बारे में भी कहा जाता है कि वे शत्रुओं को परास्त करने के लिए उपयोगी समान शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिनका उनके उपासकों द्वारा विभिन्न अनुष्ठानों के माध्यम से आह्वान किया जाता है।

बगुलामुखी ज्ञान देवियों के दस रूपों में से एक हैं, जो शक्तिशाली स्त्री आदि शक्ति का प्रतीक हैं। बगुलामुखी का अर्थ है शिव का पृष्ठ भाग।

बगलामुखी का रंग सुनहरा है और उनका वस्त्र पीला है। वह पीले कमलों से भरे अमृत सागर के बीच एक सुनहरे सिंहासन पर विराजमान हैं। उनके सिर पर अर्धचंद्र सुशोभित है।

Baglamukhi Chalisa:

॥ दोहा ॥
नमो महाविधा बरदा, बगलामुखी दयाल ।
स्तम्भन क्षण में करे, सुमरित अरिकुल काल ॥


॥ चौपाई ॥
नमो नमो पीताम्बरा भवानी
बगलामुखी नमो कल्यानी ।१।
भक्त वत्सला शत्रु नशानी
नमो महाविधा वरदानी ।२।
अमृत सागर बीच तुम्हारा
रत्न जड़ित मणि मंडित प्यारा ।३।
स्वर्ण सिंहासन पर आसीना
पीताम्बर अति दिव्य नवीना ।४।
स्वर्णभूषण सुन्दर धारे
सिर पर चन्द्र मुकुट श्रृंगारे ।५।
तीन नेत्र दो भुजा मृणाला
धारे मुद्गर पाश कराला ।६।
भैरव करे सदा सेवकाई
सिद्ध काम सब विघ्न नसाई ।७।
तुम हताश का निपट सहारा
करे अकिंचन अरिकल धारा ।८।
तुम काली तारा भुवनेशी
त्रिपुर सुन्दरी भैरवी वेशी ।९।
छिन्नभाल धूमा मातंगी
गायत्री तुम बगला रंगी ।१०।
सकल शक्तियाँ तुम में साजें
ह्रीं बीज के बीज बिराजे ।११।
दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन
मारण वशीकरण सम्मोहन ।१२।
दुष्टोच्चाटन कारक माता
अरि जिव्हा कीलक सघाता ।१३।
साधक के विपति की त्राता
नमो महामाया प्रख्याता ।१४।
मुद्गर शिला लिये अति भारी
प्रेतासन पर किये सवारी ।१५।
तीन लोक दस दिशा भवानी
बिचरहु तुम हित कल्यानी ।१६।
अरि अरिष्ट सोचे जो जन को
बुध्दि नाशकर कीलक तन को ।१७।
हाथ पांव बाँधहु तुम ताके
हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।१८।
चोरो का जब संकट आवे
रण में रिपुओं से घिर जावे ।१९।
अनल अनिल बिप्लव घहरावे
वाद विवाद न निर्णय पावे ।२०।
मूठ आदि अभिचारण संकट
राजभीति आपत्ति सन्निकट ।२१।
ध्यान करत सब कष्ट नसावे
भूत प्रेत न बाधा आवे ।२२।
सुमरित राजव्दार बंध जावे
सभा बीच स्तम्भवन छावे ।२३।
नाग सर्प ब्रर्चिश्रकादि भयंकर
खल विहंग भागहिं सब सत्वर ।२४।
सर्व रोग की नाशन हारी
अरिकुल मूलच्चाटन कारी ।२५।
स्त्री पुरुष राज सम्मोहक
नमो नमो पीताम्बर सोहक ।२६।
तुमको सदा कुबेर मनावे
श्री समृद्धि सुयश नित गावें ।२७।
शक्ति शौर्य की तुम्हीं विधाता
दुःख दारिद्र विनाशक माता ।२८।
यश ऐश्वर्य सिद्धि की दाता
शत्रु नाशिनी विजय प्रदाता । २९।
पीताम्बरा नमो कल्यानी
नमो माता बगला महारानी ।३०।
जो तुमको सुमरै चितलाई
योग क्षेम से करो सहाई ।३१।
आपत्ति जन की तुरत निवारो
आधि व्याधि संकट सब टारो ।३२।
पूजा विधि नहिं जानत तुम्हरी
अर्थ न आखर करहूँ निहोरी ।३३।
मैं कुपुत्र अति निवल उपाया
हाथ जोड़ शरणागत आया ।३४।
जग में केवल तुम्हीं सहारा
सारे संकट करहुँ निवारा ।३५।
नमो महादेवी हे माता
पीताम्बरा नमो सुखदाता ।३६।
सोम्य रूप धर बनती माता
सुख सम्पत्ति सुयश की दाता ।३७।
रोद्र रूप धर शत्रु संहारो
अरि जिव्हा में मुद्गर मारो ।३८।
नमो महाविधा आगारा
आदि शक्ति सुन्दरी आपारा ।३९।
अरि भंजक विपत्ति की त्राता
दया करो पीताम्बरी माता । ४०।


।। दोहा ।।
रिद्धि सिद्धि दाता तुम्हीं, अरि समूल कुल काल ।
मेरी सब बाधा हरो, माँ बगले तत्काल ।।


।। इति श्री बगलामुखी चालीसा सम्पूर्ण ।।

Shri Balglamukhi Chalisa in English

बगलामुखी देवी (Goddess Baglamukhi) हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण देवी मानी जाती है। उन्हें तांत्रिक देवी या तंत्र-महाविद्या के रूप में भी जाना जाता है। बगलामुखी नाम का अर्थ होता है “वाणी का स्तम्भन करने वाली” या “मुख को प्रतिबन्धित करने वाली देवी”।

बगलामुखी माँ को वाणी और जिह्वा (भाषा) की देवी माना जाता है और उनकी पूजा से विपत्तियों और दुश्मनों के विरुद्ध संरक्षा मिलती है। वे अधिकांशतः तंत्र देवी और अध्यात्मिक साधना में उपास्य होती हैं।

॥ Doha ॥


Namo Mahaavidha Bada, Bagalaamukhee Devata ।
Stambhan Kshan Mein Kare, Sumrt Arikul Kaal ॥


॥ Chaupai ॥
Namo Namo Pitaambara Bhavani
Baglamukhi Namo Kalyaane ।1।
Bhakt Vatsala Shatru Naashaani
Namo Mahavidha Mahima ।2।
Amrut Saagar Bich tumhara
Ratn Jadit Mani Mandit Pyaara ।3।
Svarn Sinhaasan pr asina
Pitaambar Ati Divya Navina ।4।
Svarn Aabhushan Sundar Dhare
Sir Par Chandramukut Shrungare ।5।
Tin netra Do Bhuja Mrunala
Dhare Mudgar Pash Karala ।6।
Bhairav Kare Sada Sevakayi
Siddha Kam Sab Vighna Nasayi ।7।
Tum hatash Ka nipat Sahara
Kare Akinchan Arikal Dhara ।8।
Tum Kali Tara Bhuvaneshi
Tripura Sundari Bhairavi Veshi ।9।
Chhinnabhala Dhuma Maatangi
Gaytri Tum Bagala Rangi ।10।
Sakal Shaktiyan Tum Mein Saajen
Hreem Beej Ke Beej Biraje ।11।
Dusht Stambhan Arikul Kilan
Maran Vashikaran Sammohana ।12।
Dushton Uchchaatan Karak Mata
Ari Jivha Kilak Sajata ।13।
Sadhak Ke Vipati Ke Trata
Namo Mahamaya Prakhyata ।14।
Mudgar Shila Liye Ati Bhari
Pretasana Par Kiye Savari ।15।
Tin Lok Das Disha Bhavaani
Bicharahu Tum Hit Kalyani ।16।
Ari Arishta Soche Jo Jan Ko
Buddhi Nashkar Kilak Tan Ko ।17।
Hath Paav Bandhahu Tum Takey
Hanhu Jibh Bich Mudgar Bake ।18।
Choro Kaa Jab Sankat Aave
Ran Mein Ripuonse Se Ghir Jave ।19।
Anal Anil Biplav Ghahrave
Vaad Vivaad Na Nirnay Pave ।20।
Mooth Adi Abhicharan Sankat
Rajabhiti Aapatti Sankat ।21।
Dhyan Karat Sab Kasht Nasave
Bhoot Pret Na Badha Aave ।22।
Sumarit Rajdwar Bandh Jave
Sabha Beech Stambhavan Chhave ।23।
Naag Sarp Brcharchirashrakadi Bhayankar
Khal Vihang Bhagahin Sab Satvar ।24।
SabRog Ki Nashan Hari
Arikul Mulacchatan Kari ।25।
Stree Purush Raj Sammohaka
Namo Namo Pitambar Sohak ।26।
Tumko Sada Kuber Manave
Shree Samrddhi Suyash Nit Gaven ।27।
Shakti Shaurya Ki Tumhi Vidhata
Dukh Daridrya Vinashak Mata ।28।
Yash Aishwarya Siddhi Ki Data
Shatru Nashini Vijay Pradata ।29।
Pitambara Namo Kalyaani
Namo Mata Bagala Maharani ।30।
Jo Tumko Sumrai Chitalai
Yog Kshem Se Karo Sahai ।31।
Aapatti Jan Ki Turat Nivaro
Aadhi Vyadhi Sankat Sab Taro ।32।
Pooja Vidhi Nahin Jaanat Tumhari
Artha Na Aakhar Karahoon Nihori ।33।
Main Kuputra Ati Nival Upaya
Hath Jod Sharanagat Aaya ।34।
Jag Mein Kewal Tumhi Sahara
Sare Sankat Karahu Nivara ।35।
Namo Mahadevi He Mata
Pitambara Namo Sukhadata ।36।
Saumya Roop Dhar Banati Mata
Sukh Sampatti Suyash Ki Data ।37।
Raudra Roop Dhar Shatru Sanharo
Ari Jivha Mein Mudgar Maro ।38।
Namo Mahavidha Aagara
Aadi Shakti Sundari Aapara ।39।
Ari Bhanjak Vipatti Ki Trata
Daya Karo Pitambari Mata ।40।


॥ Doha ॥
Riddhi Siddhi Data Tumheen, Ari Samul Kul Kaal ।
Meri Sab Badha Haro, Maa Bagle Tatkal ॥


॥ Iti Shri Baglamukhi Chalisa Sampurna ॥

बगलामुखी देवी का रूप

महाविद्या बगलामुखी माँ का रूप विभिन्न चिन्हों से युक्त होता है। जिसमें शांति और शक्ति का संयोजन दिखाई देता है। उन्हें गदा और पाश धारण करते हुए चित्रित किया जाता है, जिससे व्यक्ति को अपने भयंकर दुश्मनों से रक्षा मिलती है।

इस रूप में उन्हें समुद्र-मंथन (Samudra Manthan) के दौरान देवता और असुर नकारात्मकता और संघर्ष को नष्ट करने की शक्ति से परिचित किया जाता है।

तंत्र शास्त्र में देवी उपासना

बगलामुखी माँ की पूजा में अनुष्ठान किए जाने वाले मंत्र और तंत्र विशेष शक्ति प्रदान करते हैं और उन्हें संयुक्त मन्त्र देवी भी कहते हैं। उनके मंत्रों का जाप करने से भक्त को मानसिक शांति, समृद्धि, रक्षा, और यश मिलता है।

बगलामुखी देवी का विशेष महत्व तंत्र शास्त्र में होता है और उनकी उपासना साधकों को अद्भुत शक्ति प्रदान करती है। यह भगवती देवी विश्व के कष्टों का नाश करती हैं, और अन्याय से लड़ने की शक्ति प्रदान करती हैं।

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बगलामुखी चालीसा के लाभ – Maa Baglamukhi Chalisa Benefits

चालीसा का पाठ करने से भक्त को अलौकिक आध्यात्मिक और भौतिक लाभ होते है , नीचे जो की निचे दिए गए है।

  • पाठ करने से खुद की और घर की नकारात्मक ऊर्जा और तांत्रिक क्रियाओं से मुक्ति हो जाती है।
  • बगलामुखी चालीसा के पाठ से शत्रुओं से सुरक्षा और विजय होता है।
  • हर रोज माँ बगलामुखी चालीसा के पठन से हमें आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास मिलता है।
  • इस चालीसा से शारीरिक, मानसिक, वित्तीय और आध्यात्मिक बाधाओं पर विजय शाक्य होता है।
  • इंसान के मानसिक बल में आमूलाग्र वृद्धि देखने को मिलती है।
  • अगर कोई क़ानूनी मामले हो तो इन कानूनी मामलों में जीत मिलेगी।
  • जिस घर में चालीसा का पाठ होता उस घर-परिवार में सुख-शांति रहती है।
  • श्री बगलामुखी चालीसा का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक विकास होता है।

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