तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है
“तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है” यह एक लोक प्रसिद्ध भजन है, जो की मैथिलि ठाकुर के गाने के बाद बहुत प्रसिद्ध हुआ है। वैसे इस भजन को बाकि और भी भजनकार (bhajankar) है जैसे अनुजा भारती और स्वाति मिश्रा इत्यादि भजनकर्ताओं ने गाया है और इसे लोकप्रिय बनाया है। यह भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम संबंधित एक भजन है।
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है लिरिक्स
तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है,
शिव धनुष राम ने तोड़ा है, सीता से नाता जोड़ा है,
तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है….
शीश सिया के चुनड सोहे, टिके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये ,रघुवर को जानकी प्यारी है
तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है…..
हाथ सिया के चूड़ी सोहे, कंगन की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये, रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है….
कमर सिया के तगड़ी सोहे, झुमके की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये ,रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है….
पैर सिया के पायल सोहे, बिछिया की छवि न्यारी है,
न्यारी न्यारी क्या कहिये ,रघुवर को जानकी प्यारी है,
तुम उठो सिया सिंगार करो ,शिव धनुष राम ने तोड़ा है….
तुम उठो सिया श्रृंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है………