Jay Jayaji Ganpati Stotra Marathi
Jay Jayaji Ganpati Stotra: यह स्तोत्र गणपति बप्पा की महिमा का गुणगान करता है। माना जाता है कि जो भक्त इसे श्रद्धा और एकाग्रता से पढ़ते हैं, उनके जीवन से विघ्न-बाधाएँ दूर होती हैं और कार्य सिद्ध होते हैं।
यह एक भक्ति गीत है, जो की गणेश उत्सव या गणेश चतुर्दशी/ गणेश चतुर्थी में बहुत बड़े पैमाने पर सुना जाता हैं, जिसमें गणेश जी की स्तुति के लिए इस स्तोत्र की रचना पारंपरिक रूप से की गई हैं और इसे श्री कृष्ण सावंत जी ने संगीतबद्ध किया है, और इसे गायिका दीपाली राणे जी ने गाया है।
Jay Jayaji Ganpati Stotra Ke Labh
- यह स्तोत्र मानसिक शांति प्रदान करता है।
- भक्त की आस्था को मजबूत करता है।
- जीवन में सफलता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- विघ्नों का निवारण – गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा गया है, इसलिए स्तोत्र पाठ से बाधाएँ दूर होती हैं।
- विद्या और बुद्धि की प्राप्ति – विद्यार्थी व ज्ञानार्जन करने वाले विशेष लाभ पाते हैं।
- सौभाग्य और समृद्धि – यह स्तोत्र घर-परिवार में सुख-समृद्धि का संचार करता है।
- आध्यात्मिक शांति – नियमित जप से मन और आत्मा को शांति मिलती है।
जय जयाजी गणपति स्तोत्र पाठ की विधि
- सुबह स्नान के बाद गणेश जी की मूर्ति अथवा चित्र के सामने दीपक और धूप जलाकर स्तोत्र का पाठ करें।
- लाल फूल, दूर्वा और मोदक चढ़ाने से विशेष फल प्राप्त होता है।
- श्रद्धा और भक्ति से किया गया पाठ ही सबसे प्रभावी होता है।
जय जयाजी श्री गणपति स्तोत्र – Jay jayaji Ganpati Lyrics
पूरा श्री गणेश स्त्रोत्र निचे दिया गया है,
|| श्री गणपती स्तोत्र ||
जय जयाजी गणपती |
मज द्यावी विपुल मती |
करावया तुमची स्तुती |
स्पुर्ती द्यावी मज अपार || ०१ ||
तुझे नाम मंगलमूर्ती |
तुज इंद्र-चंद्र ध्याती |
विष्णू शंकर तुज पूजिती |
अव्यया ध्याती नित्य काळी || ०२ ||
तुझे नाव विनायक |
गजवदना तू मंगल दायक |
सकल विघ्ने कलिमलदाहक |
नाम-स्मरणे भस्म होती || ०३ ||
मी तव चरणांचा अंकित |
तव चरणा माझे प्रणिपात |
देवधीदेवा तू एकदंत |
परिसे विज्ञापना माझी || ०४ ||
माझा लडिवाळ तुज करणे |
सर्वांपरी तू मज सांभाळणे |
संकटामाझारी रक्षिणे |
सर्व करणे तुज स्वामी || ०५ ||
गौरीपुत्र तू गणपती |
परिसावी सेवकाची विनंती |
मी तुमचा अनन्यार्थी |
रक्षिणे सर्वार्थेची स्वामिया || ०६ ||
तूच माझा माय बाप |
तूच माझा देवराय |
तूच माझी करिसी सोय |
अनाथनाथा गणपती || ०७ ||
गजवदना श्रीलंबोदरा |
सिद्धीविनायका भालचंद्रा |
हेरंबा शिव पुत्रा |
विघ्नेश्वरा अनाथ बंधू || ०८ ||
भक्तपालका करि करुणा |
वरदमूर्ती गजानना |
परशुहस्ता सिंदुरवर्णा |
विघ्ननाशना मंगलमूर्ती || ०९ ||
विश्ववंदना विघ्नेश्वरा |
मंगलाधीशा परशुधरा |
पापमोचन सर्वेश्वरा |
दिन बंधो नाम तुझे ||१० ||
नमन माझे श्रीगणनाथा |
नमन माझे विघ्नहर्ता |
नमन माझे एकदंता |
दीनबंधू नमन माझे || ११ ||
नमन माझे शंभूतनया |
नमन माझे करुणांलया |
नमन माझे गणराया |
तुज स्वामिया नमन माझे || १२ ||
नमन माझे देवराया |
नमन माझे गौरीतनया |
भालचंद्रा मोरया |
तुझे चरणी नमन माझे || १३ ||
नाही आशा स्तुतीची |
नाही आशा तव भक्तीची |
सर्व प्रकारे तुझिया दर्शनाची |
आशा मनी उपजली || १४ ||
मी मूढ केवळ अज्ञान |
ध्यानी सदा तुझे चरण |
लंबोदरा मज देई दर्शन |
कृपा करि जगदीशा || १५ ||
मती मंद मी बालक |
तूच सर्वांचा चालक |
भक्तजनांचा पालक |
गजमुखा तू होशी || १६ ||
मी दरिद्री अभागी स्वामी |
चित्त जडावे तुझिया नामी |
अनन्य शरण तुजला मी |
दर्शन देई कृपाळुवा || १७ ||
|| इती श्री महागणपती स्तोत्र संपुर्णम ||
|| श्री गजाननपादार्पणमस्तु ||
गणेश जी का आशीर्वाद पाने के लिए श्री गणेश चालीसा पढ़िए